लेखनी प्रतियोगिता -20-Mar-2022 गीत : सखि देख, बासंती ऋतु आई
गीत : सखि देख, बासंती ऋतु आई
सखि देख , बासंती ऋतु आई
पतझड़ गयो कोंपलें फूटी
कलियों पे बहारें छाई ।
सखि देख, बासंती ऋतु आई ।।
कोयल बोल रही अमियन में
दिल में हूक जगाई
साजन बैरी गये विदेसवा
सुध बुध सब बिसराई ।
सखि देख, बासंती ऋतु आई ।।
पीली चादर ओढ़ के धरती
कर सोलह श्रंगार
चली पिया को मिलन ये प्रकृति
हिय में ले के प्रेम अपार
खुशी जाकी बरनी न जाई ।
सखि देख, बासंती ऋतु आई ।।
आस का दीपक जले जिया में
उम्मीदों की किरण सजाई
दुख के बादल छंट गये सगरे
अब सुख की घटाएं छाई ।
सखि देख, बासंती ऋतु आई ।।
हरिशंकर गोयल "हरि"
20.3.22
Seema Priyadarshini sahay
22-Mar-2022 01:15 AM
बहुत खूब
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Hari Shanker Goyal "Hari"
22-Mar-2022 01:28 AM
💐💐🙏🙏
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Shrishti pandey
21-Mar-2022 10:50 AM
Nice
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Hari Shanker Goyal "Hari"
22-Mar-2022 01:28 AM
💐💐🙏🙏
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Punam verma
21-Mar-2022 08:33 AM
👍 bahut badhiya
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Hari Shanker Goyal "Hari"
21-Mar-2022 08:56 AM
💐💐🙏🙏
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